तू फ़िक्र करती होगी मेरा ..
इस फ़िक्र में .. मैं खोया चला जाता हूँ .
बंद आँखों में तेरा एहसास संजोया चला जाता हूँ .
तेरी छूती आहट को एहसासों में पिरोया चला जाता हूँ .
जब दर्द होता है तो घाव को सिक्कियो से कुरेदता चला जाता हूँ .
ये न तेरी एहसास थमती है .. और न मेरी साँसे बंद होती हैं .
और फिर तुझे दर्द यार बनाया चला जाता हूँ .
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